गोनू का कमाल – Hindi Moral Story For Kids
एक गांव में गोनू और मोनू नाम के दो भाई रहते थे। उन दोनों भाइयों में घर की चीज़ों को लेकर हमेशा झगड़ा होते रहता था।
तो उनका फैसला करने के लिए पंचायत बैठाई गई। वहां के पंचों ने फैसला दिया कि उनकी सारी चीज़ों को आपस में बराबर – बराबर बाँट लिया जाए।
उन दोनों के बीच घर तथा अन्य सारी चीजें तो बराबर – बराबर बांट दिया गया, लेकिन कंबल और भैंस कैसे बाँटे जाएँ ? वहां पर कंबल भी एक ही था और भैंस भी एक ही थी ।
गोनू और मोनू के बीच बंटवारे की समस्या को हल करने के लिए पंच फिर जुटे । उन्होंने बड़ा अजीब फैसला सुनाया – गोनू कंबल को दिन में रखेगा और मोनू रात में । इसी तरह भैंस का पिछला भाग मोनू के हिस्से में होगा और अगला भाग गोनू के हिस्से में ।
इस बँटवारे से मोनू तो खूब मज़े में रहा पर गोनू काफी घाटे में । फैसले के अनुसार रात को कंबल मोनू के पास रहता । वह उसे ओढ़कर मज़े से सोता । गोनू दिन भर कंबल लेकर साफ करता , सुखाता और रात को मोनू कंबल लेकर चला जाता । इधर कंबल के बिना गोनू जाड़े की रात में ठिठुरता रहता ।
इसी तरह भैंस के मामले में भी गोनू घाटे में रहा । गोनू के हिस्से में भैंस का अगला भाग आया था । गोनू दिन भर भैंस चराता था , पर शाम को मोनू दूध दुह लेता था क्योंकि भैंस का पिछला भाग मोनू के हिस्से में आया था । गोनू दूध पीने के लिए भी तरस गया ।
अब गोनू ने एक तरकीब सोची । उसके हिस्से में कंबल दिन के लिए आया था तो उसने कंबल को पानी में डुबोकर रख दिया ।
रात होने पर मोनू कंबल लेने आया । जब उसे गीला कंबल मिला तो वह गुस्से में आ गया । उसने गोनू से पूछा, “तुमने कंबल को पानी में डुबोकर क्यों रख दिया?”
गोनू ने हँसकर कहा- “दिन में कंबल मेरे हिस्से में आया था। अब मैं अपनी चीज़ को पानी में डुबाऊँ या आग में जलाऊँ , इससे तुम्हें क्या?”
मोनू को कोई जवाब नहीं सूझा। इसी तरह भैंस को गोनू ने दिन भर नहीं चराया और लाठी से पिटाई भी की। मोनू जब भैंस दुहने आया तो गोनू ने लाठी उठा ली और लगा भैंस को पीटने । भैंस पिटाई के कारण उछलने लगी। मोनू को बहुत गुस्सा आया।
मोनू को तमतमाया देखकर गोनू ने उससे कहा अगला भाग मेरे हिस्से है । तुम अपने पिछले हिस्से में जो चाहे करो , अगले भाग को पीटता ही रहूँगा।
मोनू को अब समझ में आ गया कि कंबल और भैंस का बँटवारा ठीक नहीं हुआ था । तब जाकर मोनू ने गोनू से क्षमा माँगी। और फिर दोनों के बीच सब ठीक हो गया। (Hindi Moral Story For Kids)
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-धन्यवाद
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