नमस्कार दोस्तों! आज मैं फिर से आपके सामने एक हिंदी कविता (Hindi Poem) लेकर आया हूँ और इस कविता को भगवतीचरण वर्मा जी ने लिखा है. आशा करता हूँ कि आपलोगों को यह कविता पसंद आएगी. अगर आपको और हिंदी कवितायेँ पढने का मन है तो आप यहाँ क्लिक कर सकते हैं (यहाँ क्लिक करें).
![दीवानों की हस्ती - हिंदी कविता - भगवतीचरण वर्मा 7 Moral दीवानों की हस्ती](https://7moral.com/wp-content/uploads/2021/05/%E0%A4%A6%E0%A5%80%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A5%8B%E0%A4%82-%E0%A4%95%E0%A5%80-%E0%A4%B9%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A5%80-%E0%A4%B9%E0%A4%BF%E0%A4%82%E0%A4%A6%E0%A5%80-%E0%A4%95%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%A4%E0%A4%BE.jpg)
दीवानों की हस्ती – हिंदी कविता
हम दीवानों की क्या हस्ती,
हैं आज यहाँ, कल वहाँ चले,
मस्ती का आलम साथ चला,
हम धूल उड़ाते जहाँ चले.
आए बनकर उल्लास अभी,
आँसू बनकर बह चले अभी,
सब कहते ही रह गए, अरे,
तुम कैसे आए, कहाँ चले?
किस ओर चले? यह मत पूछो,
चलना है, बस इसलिए चले,
जग से उसका कुछ लिए चले,
जग को अपना कुछ दिए चले,
दो बात कही, दो बात सुनी;
कुछ हँसे और फिर कुछ रोए.
छककर सुख-दुख के घुटों को
हम एक भाव से पिए चले.
हम भिखमंगों की दुनिया में,
स्वच्छंद लुटाकर प्यार चले,
हम एक निसानी-सी उर पर,
ले असफलता का भार चले।
अब अपना और पराया क्या?
आबाद रहें रुकनेवाले!
हम स्वयं बँधे थे और स्वयं
हम अपने बंधन तोड़ चले।
-भगवतीचरण वर्मा
तो उम्मीद करता हूँ कि आपको हमारा यह हिंदी कविता “दीवानों की हस्ती“ अच्छा लगा होगा जिसे भगवतीचरण वर्मा जी ने लिखा है. आप इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करें और हमें आप Facebook Page, Linkedin, Instagram, और Twitter पर follow कर सकते हैं जहाँ से आपको नए पोस्ट के बारे में पता सबसे पहले चलेगा. हमारे साथ बने रहने के लिए आपका धन्यावाद. जय हिन्द.
इसे भी पढ़ें
- सांध्यगीत महादेवी वर्मा
- नीरजा – महादेवी वर्मा – हिंदी कविता
- रश्मि महादेवी वर्मा (Rashmi Mahadevi Verma)
- नीहार (Neehar) – महादेवी वर्मा की कविता
- ज्योतिष्मती | महादेवी वर्मा हिंदी कविता
- उषा – महादेवी वर्मा हिंदी कविता
- फणीश्वरनाथ रेणु की कविताएँ (Poems of Phanishwarnath ‘Renu’ in Hindi)
- सुबह | अशोक वाजपेयी | हिंदी कविता
- आज की यह सुबह | कमल ‘सत्यार्थी’ | हिंदी कविता
- प्रो. अजहर हाशमी की हिंदी कवितायें
![दीवानों की हस्ती - हिंदी कविता - भगवतीचरण वर्मा 7 Moral दीवानों की हस्ती - हिंदी कविता - भगवतीचरण वर्मा 7 Moral](http://7moral.com/wp-content/uploads/2020/12/pp.jpg)
मुझे नयी-नयी चीजें करने का बहुत शौक है और कहानी पढने का भी। इसलिए मैं इस Blog पर हिंदी स्टोरी (Hindi Story), इतिहास (History) और भी कई चीजों के बारे में बताता रहता हूँ।