निसीम इजेकिल (Nissim Ezekiel) एक अग्रणी कवि, नाटककार और संपादक थे, जिन्हें भारतीय अंग्रेजी साहित्य के विकास में सबसे महत्वपूर्ण शख्सियतों में से एक माना जाता है.
निसीम इजेकिल:परिचय (Nissim Ezekiel: Introduction)
निसीम इजेकिल एक भारतीय कवि, नाटककार, संपादक और कला समीक्षक थे. उनका जन्म 16 दिसंबर, 1924 को मुंबई, भारत में हुआ था और उनका निधन 9 जनवरी, 2004 को हुआ था.
इजेकिल को 20वीं शताब्दी के अग्रणी भारतीय कवियों में से एक माना जाता है और वह आधुनिक भारतीय अंग्रेजी कविता के अग्रणी थे. उन्होंने एक सरल, सीधी शैली में कविता लिखी जो पाठकों की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए सुलभ थी. उनके काम ने अक्सर भारत में पहचान, प्रेम और आधुनिक जीवन की जटिलताओं के विषयों की खोज की.
एक कवि के रूप में अपने काम के अलावा, इजेकिल एक नाटककार भी थे और उन्होंने कई नाटक लिखे जो भारत में सामाजिक मुद्दों से संबंधित थे. वह एक कुशल संपादक भी थे और उन्होंने क्वेस्ट और पोएट्री इंडिया सहित कई साहित्यिक पत्रिकाओं की स्थापना की.
अपने पूरे जीवन में, इजेकिल को भारतीय साहित्य में उनके योगदान के लिए पहचाना गया और पद्म श्री और साहित्य अकादमी पुरस्कार सहित कई पुरस्कारों के प्राप्तकर्ता थे. उनकी कविता भारत और दुनिया भर में व्यापक रूप से पढ़ी और पढ़ी जाती है.
Also Read: रवींद्रनाथ टैगोर की जीवनी (Biography of Rabindranath Tagore)
निसीम इजेकिल:प्रारंभिक जीवन और शिक्षा (Nissim Ezekiel: Early Life and Education)
Nissim Ezekiel का जन्म 16 दिसंबर, 1924 को मुंबई, भारत में यहूदी माता-पिता के यहाँ हुआ था. उनके पिता, मोसेस इजेकिल, वनस्पति विज्ञान के प्रोफेसर थे, और उनकी माँ, बालाबाई इजेकिल, एक स्कूली शिक्षिका थीं. इजेकिल एक बहुसांस्कृतिक वातावरण में बड़ा हुआ, जहां वह मराठी, हिंदी, गुजराती और अंग्रेजी सहित विभिन्न भाषाओं और संस्कृतियों के संपर्क में आया.
इजेकिल ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मुंबई के सेंट जेवियर्स हाई स्कूल में प्राप्त की. उसके बाद वे विल्सन कॉलेज में अध्ययन करने गए, जहाँ उन्होंने 1947 में साहित्य में स्नातक की उपाधि प्राप्त की. अपने कॉलेज के वर्षों के दौरान, इजेकिल साहित्यिक और सांस्कृतिक गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल थे और कॉलेज के नाटकीय समाज के सदस्य थे.
अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद, इजेकिल लंदन विश्वविद्यालय के बिर्कबेक कॉलेज में साहित्य में मास्टर डिग्री हासिल करने के लिए इंग्लैंड गए. उन्होंने 1951 में अपनी डिग्री पूरी की और अगले वर्ष भारत लौट आए.
1963 में, इजेकिल ने मुंबई विश्वविद्यालय में डॉक्टरेट की पढ़ाई शुरू की, जहां उन्होंने डी.एच. लॉरेंस की कविता पर ध्यान केंद्रित किया. हालाँकि, उन्होंने अपनी पीएचडी पूरी नहीं की और लेखन और संपादन में करियर बनाने के लिए शिक्षा छोड़ दी. बहरहाल, साहित्य में उनकी अकादमिक पृष्ठभूमि और विभिन्न साहित्यिक परंपराओं के उनके ज्ञान का उनकी काव्य शैली और विषयों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा.
Also Read: सरोजिनी नायडू की जीवनी (Biography of Sarojini Naidu)
निसीम इजेकिल: साहित्यिक कैरियर (Nissim Ezekiel: Literary Career)
निसीम इजेकिल को व्यापक रूप से भारतीय अंग्रेजी कविता के अग्रदूतों में से एक माना जाता है. उन्होंने 1940 के दशक में कविता लिखना शुरू किया और 1952 में अपना पहला कविता संग्रह “ए टाइम टू चेंज” प्रकाशित किया.
इजेकिल की कविता पहचान, संस्कृति और सामाजिक मुद्दों के विषयों का पता लगाने के लिए भाषा, हास्य और विडंबना के उपयोग की विशेषता है. उनके शुरुआती कार्य, जैसे “द अनफोल्डिंग विलेज” और “द डिस्कवरी ऑफ इंडिया”, स्वतंत्रता के बाद के भारत की सामाजिक और राजनीतिक वास्तविकताओं के साथ उनकी चिंता को दर्शाते हैं. उनके बाद के काम, जैसे “भजन इन डार्कनेस” और “लैटर-डे सॉल्म्स”, अधिक आत्मविश्लेषी और ध्यानपूर्ण हैं, प्रेम, आध्यात्मिकता और मृत्यु दर के विषयों की खोज करते हैं.
कविता के अलावा, इजेकिल ने नाटक, निबंध और समीक्षाएं भी लिखीं. उनके नाटक, जैसे “द सॉन्ग ऑफ डेप्रिवेशन” और “द सर्पेंट एंड द रोप”, उनकी प्रयोगात्मक शैली और दार्शनिक विषयों के लिए जाने जाते हैं. उनके निबंध और समीक्षाएं, जो विभिन्न साहित्यिक पत्रिकाओं में प्रकाशित हुईं, उनकी व्यापक रुचियों और भारतीय साहित्य और संस्कृति पर उनके महत्वपूर्ण दृष्टिकोण को दर्शाती हैं.
इजेकिल साहित्यिक पत्रिकाओं के संपादन और प्रकाशन में भी शामिल था. 1953 में, उन्होंने साहित्यिक पत्रिका “क्वेस्ट” की सह-स्थापना की, जिसमें कई उभरते भारतीय लेखकों की रचनाएँ प्रकाशित हुईं. 1960 में, उन्होंने “पोएट्री इंडिया” की स्थापना की, जो भारत और अन्य देशों से अंग्रेजी में कविता प्रकाशित करने पर केंद्रित थी.
इजेकिल का साहित्यिक करियर कई दशकों तक फैला रहा और इसे कई पुरस्कारों और प्रशंसाओं से चिह्नित किया गया. उन्हें भारतीय साहित्य में उनके योगदान के लिए 1983 में उनके कविता संग्रह “लेटर-डे स्तोत्र” और 1988 में पद्म श्री के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला. 1989 में, उन्हें उनके संग्रह “भजन इन डार्कनेस” के लिए एशिया के लिए राष्ट्रमंडल कविता पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
आज, इजेकिल की कविता व्यापक रूप से पढ़ी और पढ़ी जाती है, और उन्हें भारतीय अंग्रेजी कविता के विकास में सबसे महत्वपूर्ण शख्सियतों में से एक माना जाता है. उनकी रचनाएँ भारतीय लेखकों की पीढ़ियों को प्रेरित और प्रभावित करती हैं.
निसीम इजेकिल: साहित्यिक योगदान और उपलब्धियां (Nissim Ezekiel: Literary Contributions and Achievements)
निसीम इजेकिल ने अपनी कविताओं, नाटकों, निबंधों और समीक्षाओं के माध्यम से भारतीय अंग्रेजी साहित्य में महत्वपूर्ण योगदान दिया. उन्हें भारतीय अंग्रेजी कविता के अग्रदूतों में से एक माना जाता है और अंग्रेजी में लिखने वाले भारतीय कवियों के लिए एक अलग आवाज स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
इजेकिल की कविता पहचान, संस्कृति और सामाजिक मुद्दों के विषयों का पता लगाने के लिए भाषा, हास्य और विडंबना के उपयोग की विशेषता है. उनके शुरुआती कार्य, जैसे “द अनफोल्डिंग विलेज” और “द डिस्कवरी ऑफ इंडिया”, स्वतंत्रता के बाद के भारत की सामाजिक और राजनीतिक वास्तविकताओं के साथ उनकी चिंता को दर्शाते हैं.
उनके बाद के काम, जैसे “भजन इन डार्कनेस” और “लैटर-डे सॉल्म्स”, अधिक आत्मविश्लेषी और ध्यानपूर्ण हैं, प्रेम, आध्यात्मिकता और मृत्यु दर के विषयों की खोज करते हैं.
इजेकिल के नाटक, जैसे “द सॉन्ग ऑफ डेप्रिवेशन” और “द सर्पेंट एंड द रोप” अपनी प्रायोगिक शैली और दार्शनिक विषयों के लिए जाने जाते हैं. उनके निबंध और समीक्षाएं, जो विभिन्न साहित्यिक पत्रिकाओं में प्रकाशित हुईं, उनकी व्यापक रुचियों और भारतीय साहित्य और संस्कृति पर उनके महत्वपूर्ण दृष्टिकोण को दर्शाती हैं.
अपने साहित्यिक योगदान के अलावा, इजेकिल साहित्यिक पत्रिकाओं के संपादन और प्रकाशन में शामिल था. उन्होंने 1953 में साहित्यिक पत्रिका “क्वेस्ट” की सह-स्थापना की, जिसमें कई उभरते भारतीय लेखकों की रचनाएँ प्रकाशित हुईं. उन्होंने 1960 में “पोएट्री इंडिया” की भी स्थापना की, जो भारत और अन्य देशों से अंग्रेजी में कविता प्रकाशित करने पर केंद्रित थी.
इजेकिल को उनकी साहित्यिक उपलब्धियों के लिए कई पुरस्कार और सम्मान मिले. उन्हें 1983 में उनके कविता संग्रह “लेटर-डे स्तोत्र” के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार और 1988 में भारतीय साहित्य में उनके योगदान के लिए पद्म श्री से सम्मानित किया गया था.
1989 में, उन्हें उनके संग्रह “भजन इन डार्कनेस” के लिए एशिया के लिए राष्ट्रमंडल कविता पुरस्कार से सम्मानित किया गया. उन्होंने रॉकफेलर फाउंडेशन, इंडो-फ्रेंच कल्चरल एक्सचेंज फेलोशिप और फुलब्राइट स्कॉलरशिप में एक साथी के रूप में भी काम किया.
आज, इजेकिल की कविता और नाटक भारतीय लेखकों की पीढ़ियों को प्रेरित और प्रभावित करते हैं. उन्हें भारतीय अंग्रेजी साहित्य के विकास में सबसे महत्वपूर्ण शख्सियतों में से एक माना जाता है और अंग्रेजी में भारतीय कविता के विकास में उनके योगदान के लिए पहचाना जाता है.
निसीम इजेकिल: निजी जीवन (Nissim Ezekiel: Personal Life)
निसीम इजेकिल का जन्म 16 दिसंबर, 1924 को बॉम्बे (अब मुंबई), भारत में एक यहूदी परिवार में हुआ था. उनके पिता विल्सन कॉलेज, मुंबई में वनस्पति विज्ञान के प्रोफेसर थे और उनकी माँ एक शिक्षक थीं. वह एक बहुसांस्कृतिक वातावरण में पले-बढ़े और हिब्रू, मराठी और अंग्रेजी सहित कई भाषाओं में धाराप्रवाह थे.
इजेकिल की दो बार शादी हुई थी. उनकी पहली शादी डेज़ी जैकब से हुई थी, जिनसे उन्हें दो बच्चे हुए. उन्होंने बाद में तलाक ले लिया, और इजेकिल ने काला से शादी कर ली, जो जीवन भर उसका साथी था.
इजेकिल अपने सहज और मिलनसार स्वभाव के लिए जाना जाता था. वह अपने काम के प्रति गहराई से प्रतिबद्ध थे और उनके पास एक मजबूत कार्य नीति थी. उन्हें अच्छे भोजन और शराब के अपने प्यार के लिए भी जाना जाता था, और उन्हें खाना बनाना और दोस्तों और सहकर्मियों का मनोरंजन करना अच्छा लगता था.
इजेकिल ने अपना अधिकांश जीवन मुंबई में गुजारा, जहां उन्होंने सेंट जेवियर्स कॉलेज और बाद में मुंबई विश्वविद्यालय में पढ़ाया. शिक्षण के प्रति उनके समर्पण और युवा लेखकों को सलाह देने में उनकी उदारता के लिए उनके छात्रों और सहयोगियों द्वारा उनका व्यापक सम्मान किया जाता था.
अल्जाइमर रोग के कारण 79 वर्ष की आयु में 9 जनवरी, 2004 को इजेकिल का निधन हो गया. उन्होंने भारतीय अंग्रेजी साहित्य के अग्रदूतों में से एक, एक सम्मानित शिक्षक, और एक प्रिय मित्र और सहकर्मी के रूप में एक विरासत छोड़ी.
निसीम इजेकिल: विरासत (Nissim Ezekiel: Legacy)
भारतीय अंग्रेजी साहित्य के संदर्भ में निसीम इजेकिल की विरासत महत्वपूर्ण है. उन्हें भारतीय अंग्रेजी कविता के अग्रदूतों में से एक माना जाता है और उन्हें अंग्रेजी में लिखने वाले भारतीय कवियों के लिए एक अलग आवाज स्थापित करने का श्रेय दिया जाता है.
उनकी रचनाएँ स्वतंत्रता के बाद के भारत की सामाजिक और राजनीतिक वास्तविकताओं और पहचान, संस्कृति और सामाजिक मुद्दों के विषयों की खोज के साथ उनकी चिंता को दर्शाती हैं.
इजेकिल की कविता और नाटक भारतीय लेखकों की पीढ़ियों को प्रेरित और प्रभावित करते रहे हैं. उनके नाटकों में उनकी प्रयोगात्मक शैली और दार्शनिक विषयों ने भारतीय रंगमंच पर स्थायी प्रभाव छोड़ा है.
उन्होंने “क्वेस्ट” और “पोएट्री इंडिया” सहित साहित्यिक पत्रिकाओं के संपादन और प्रकाशन के माध्यम से भारतीय साहित्यिक संस्कृति के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
भारतीय अंग्रेजी साहित्य में इजेकिल के योगदान को साहित्य अकादमी पुरस्कार, पद्म श्री और एशिया के लिए राष्ट्रमंडल कविता पुरस्कार सहित कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है. उनकी विरासत को निसीम इजेकिल कविता पुरस्कार के माध्यम से आगे संरक्षित किया गया है, जो भारत में उभरते कवियों को प्रतिवर्ष प्रदान किया जाता है.
उनके साहित्यिक योगदान के अलावा, इजेकिल को युवा लेखकों को पढ़ाने और सलाह देने के लिए उनके समर्पण के लिए भी याद किया जाता है. उनकी उदारता और शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता के लिए उनके छात्रों और सहयोगियों द्वारा व्यापक रूप से उनका सम्मान किया जाता था.
संक्षेप में, भारतीय अंग्रेजी साहित्य में निसीम इजेकिल के योगदान, रूप और शैली के साथ उनके प्रयोग और शिक्षा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने भारतीय साहित्यिक संस्कृति पर एक स्थायी प्रभाव छोड़ा है. उनकी विरासत भारतीय लेखकों की पीढ़ियों को प्रेरित और प्रभावित करती है और हमारे आसपास की दुनिया को आकार देने और प्रतिबिंबित करने के लिए साहित्य की शक्ति की याद दिलाती है.
तो उम्मीद करता हूँ कि आपको हमारा यह पोस्ट “निसीम इजेकिल की जीवनी (Biography of Nissim Ezekiel in Hindi)“ अच्छा लगा होगा. आप इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करें और हमें आप FacebookPage, Linkedin, Instagram, और Twitter पर follow कर सकते हैं जहाँ से आपको नए पोस्ट के बारे में पता सबसे पहले चलेगा. हमारे साथ बने रहने के लिए आपका धन्यावाद. जय हिन्द.
इसे भी पढ़ें
- विक्की कौशल: बॉलीवुड का उभरता सिताराविक्की कौशल (Vicky Kaushal) एक भारतीय अभिनेता हैं जो हिंदी फिल्मों में काम करते हैं. वह अपने बहुमुखी अभिनय कौशल के लिए जाने जाते हैं और उन्होंने समीक्षकों द्वारा प्रशंसित स्वतंत्र नाटकों से लेकर व्यावसायिक ब्लॉकबस्टर तक कई तरह की फिल्मों में अभिनय किया है.
- अदिति राव हैदरी की जीवनी (Biography of Aditi Rao Hydari)अदिति राव हैदरी (Aditi Rao Hydari) एक भारतीय अभिनेत्री हैं जो मुख्य रूप से हिंदी, तमिल और तेलुगु फिल्मों में काम करती हैं. वह एक प्रशिक्षित भरतनाट्यम नर्तकी हैं और कई नृत्य फिल्मों और मंच प्रस्तुतियों में दिखाई दी हैं.
- अमीषा पटेल की जीवनी (Biography of Ameesha Patel)अमीषा पटेल (Ameesha Patel) एक भारतीय अभिनेत्री, निर्माता और मॉडल हैं जो हिंदी, तेलुगु और तमिल फिल्मों में दिखाई दी हैं. वह अपनी पहली फिल्म कहो ना… प्यार है (2000) से प्रसिद्ध हुईं और गदर: एक प्रेम कथा (2001), हमराज़ (2002) और भूल भुलैया (2007) जैसी कई सफल फिल्मों में अभिनय किया. उन्होंने अपने प्रदर्शन के लिए कई पुरस्कार और नामांकन भी जीते हैं.
- अदिति गोवित्रिकर की जीवनी (Biography of Aditi Govitrikar)अदिति गोवित्रिकर (Aditi Govitrikar) एक भारतीय अभिनेत्री, चिकित्सक और पूर्व मॉडल हैं. वह 2001 में मिसेज वर्ल्ड का खिताब जीतने वाली पहली भारतीय महिला हैं. उन्हें हिंदुस्तान टाइम्स ने “ब्यूटी विद ब्रेन” कहा है.
- अदिति शर्मा की जीवनी (Biography of Aditi Sharma)अदिति शर्मा (Aditi Sharma) एक भारतीय अभिनेत्री हैं जो टेलीविजन और फिल्मों में अपने काम के लिए जानी जाती हैं. उन्होंने 2006 में टेलीविजन शो लेफ्ट राइट लेफ्ट में अपने अभिनय की शुरुआत की और तब से कई अन्य लोकप्रिय शो में दिखाई दी, जिनमें गंगा और कथा अनकही शामिल हैं.
- अदिति आर्य की जीवनी (Biography of Aditi Arya)अदिति आर्य (Aditi Arya) एक भारतीय अभिनेत्री, मॉडल, रिसर्च एनालिस्ट और सौंदर्य प्रतियोगिता शीर्षक धारक हैं, जिन्हें 2015 में फेमिना मिस इंडिया वर्ल्ड का ताज पहनाया गया था.
- अदा शर्मा की जीवनी (Biography of Adah Sharma)इस जीवनी में, शुरुआत शुरू से लेकर प्रसिद्ध तक, हम अदा शर्मा की जीवन के विभिन्न पहलों को एक्सप्लोर करेंगे.
- कालिदास की जीवनी (Biography of Kalidas)भारत की समृद्ध साहित्यिक विरासत उन दिग्गजों से सुशोभित है जिन्होंने अपनी असाधारण प्रतिभा और कालातीत रचनाओं के साथ इतिहास के पन्नों को गौरवान्वित किया है.
- मिर्ज़ा ग़ालिब की जीवनी (Biography of Mirza Ghalib)मिर्ज़ा ग़ालिब (Mirza Ghalib), उर्दू और परसी भाषाओं के मशहूर शायर थे. उनकी उपन्यास, कविता और ग़ज़लों में विविधता और गहराई की वजह से वे उन्हीं के रहस्यमय और उम्दा शायर माने जाते हैं. उनके शेरों और शायरी का आकर्षण आज भी दिलों को छू रहा है.
- औरंगजेब का जीवन इतिहास (Life History of Aurangzeb)
मुझे नयी-नयी चीजें करने का बहुत शौक है और कहानी पढने का भी। इसलिए मैं इस Blog पर हिंदी स्टोरी (Hindi Story), इतिहास (History) और भी कई चीजों के बारे में बताता रहता हूँ।