विद्यालय का कॉमन रूम (THE SCHOOL COMMON ROOM) – निबंध – Essay

आज के इस निबंध में विद्यालय का कॉमन रूम (THE SCHOOL COMMON ROOM) पर चर्चा करेंगे. इसमें विद्यालय का कॉमन रूम से सम्बंधित बातों को साझा किया जायेगा.

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विद्यालय का कॉमन रूम (THE SCHOOL COMMON ROOM) – Essay in English & Hindi

विद्यालय का कॉमन रूम (THE SCHOOL COMMON ROOM) - निबंध - Essay
विद्यालय का कॉमन रूम (THE SCHOOL COMMON ROOM) – निबंध – Essay | Source: www.intres.com

विद्यालय का कॉमन रूम – निबंध हिंदी में

आज हमारा देश बड़ी तेजी से उन्नति कर रहा है. यह विज्ञान का युग है. विज्ञान ने प्रकृति पर विजय पा ली है. इसने समय और दूरी पर विजय पा ली है. सामयिक घटनाओं की जानकारी के लिए यह आवश्यक है कि समाचार-पत्रों का अध्ययन किया जाय. 

संसार को समझने के लिए सामयिक पत्रिकाओं का अध्ययन आवश्यक है. आज के युग में हम संसार से पृथक् नहीं रह सकते हैं. शिक्षा हमें ज्ञान देती है. अतः विस्तृत ज्ञान प्राप्त करने के लिए यह आवश्यक है कि वाचनालयों में जाया जाय. इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए आज प्रत्येक विद्यालय अपने यहाँ कॉमन रूम की व्यवस्था करता है.

इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए आज हमारे विद्यालय में भी एक कॉमन रूम है. विद्यार्थी अपने अवकाश के क्षणों में यहाँ आते हैं. यहाँ हिन्दी और अंग्रेजी के समाचारपत्र रखे जाते हैं. यहाँ पत्रिकाएँ और धार्मिक विषय पर पुस्तकें रखी जाती हैं. वहाँ पर कुछ खेल खेलने के सामान भी हैं. 

विद्यार्थी यदि चाहें तो अवकाश के समय खेल सकते हैं. विद्यालय का चपरासी इस कॉमन रूम की व्यवस्था के लिए रहता है. एक शिक्षक इसके प्रभारी होते हैं. एक विद्यार्थी सचिव का कार्य करता है और कागज-पत्रों को ढंग से रखता है. वह पत्र-पत्रिकाएँ विद्यार्थियों को बाँटता है तथा उनका संग्रह करता है. 

कॉमन रूम बड़े अच्छे ढंग से सुसज्जित है. इसकी दीवारों पर अनेक चित्र लगे हैं. दैनिक पत्र तथा सामयिक पत्र-पत्रिकाएँ पढ़ने वाले के टेबुलों पर सुव्यवस्थित ढंग से रखे जाते हैं. विद्यार्थी अवकाश के क्षणों में यहाँ आते हैं. वे स्कूल के समय के बाद भी आधा घन्टा के लिए यहाँ आ सकते हैं. वे समाचार-पत्र घर पर भी ले जा सकते हैं.

हमारे विद्यालय का कॉमन रूम बहुत सम्पन्न है. मुहल्ला में इसका बहुत बड़ा स्थान है. हिन्दी के दैनिक पत्रों में ‘हिन्दुस्तान’ और ‘आज’ तथा अंग्रेजी के दैनिक पत्रों में ‘हिन्दुस्तान टाइम्स’, ‘स्टेट्समैन’ तथा ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ आते हैं. 

हमारे कॉमन रूम में छोटे बालकों के लिए ‘नंदन’, ‘चन्दा मामा’ तथा ‘चंपक’ नामक पत्रिकाएँ हैं. बड़ों के लिए ‘साहित्य सन्देश’, ‘सरस्वती’ और ‘समालोचना’ नामक पत्रिकाएँ हैं. अंग्रेजी पत्रिकाओं में ‘आउटलुक’ तथा ‘ऐजुकेशनल ऑब्जर्वर’ हैं.

हमारे प्राचार्य बहुत विद्वान व्यक्ति हैं. वे विद्यालय के उत्थान में गहरी दिलचस्पी रखते हैं. वे चरित्र-निर्माण के कलाकार हैं. वे बहुत अनुशासनप्रिय हैं. वे कॉमन रूम के प्रायः सभी समाचार-पत्रों को पढ़ते हैं. वे विद्यार्थियों को कॉमन रूम में प्रतिदिन जाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं. 

विद्यालय का कॉमन रूम शिक्षा का केन्द्र बन गया है. इसका विद्यार्थियों और शिक्षकों, दोनों पर ही बहुत प्रभाव पड़ता है.

The School Common Room – Essay in English  

Today our country is progressing by leaps and bounds. It is an age of science. Science has harnessed nature. It has gained mastery over time and distance. To know the current events one must read newspapers. To know the world one must read periodicals. We can no longer remain isolated. Education gives us knowledge. So to gain wider knowledge one must attend the reading rooms. For this purpose, each school has a Common Room today.

For this purpose, our school also has got one. Students come here when they are free. Here are kept different kinds of newspapers— both in Hindi and in English. Here, magazines and tracts are kept. Materials of some indoor games are also there. Students

may play if they are free. There is a full-time school servant to look after it. A teacher is made in charge of it. There is a student secretary to keep the records. He issues and gets back the papers.

The Common Room is nicely decorated. It has many photos on its walls. The daily papers and periodicals are kept arranged on the reading tables. Students attend it freely during the recess period. They can attend it after school also for half an hour. They can take the paper at home also.

Our Common Room is very rich. It has a very high position in the locality. We have ‘Hindusthan’, ‘Aaj’ in Hindi as daily. In English, we have ‘The Hindustan Times’, ‘The Statesman’, ‘The Times of India’ as daily. Our Common Room offers ‘Nandan’, ‘Chanda Mama’, ‘Champak’ for juniors; ‘Sahitya Sandesh’, ‘Saraswati’ and ‘Samalochana’ for seniors and elders. We have ‘The Outlook’ and ‘The Educational Observer’, as English magazines.

Our Principal is a very learned man. He takes a keen interest in the school uplift. He is an architect of character-building. He is a great disciplinarian. He reads almost all the papers of the common room. He encourages the students to attend the common room daily. The school common room has become a centre of learning. It has a grand impact on the students and teachers alike.

Conclusion

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