Amazing Sheikh Chilli Story In Hindi Part- 3 New 2021

Amazing Sheikh Chilli Story In Hindi Part- 3
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Amazing Sheikh Chilli Story In Hindi Part- 3

Amazing Sheikh Chilli Story In Hindi Part- 3

तेल बिखर गया

Amazing Sheikh Chilli Story In Hindi Part- 3
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यह चिल्ली मियाँ के एक और बचपन की घटना है। चिल्ली की अम्मी ने उसे बनिए की दूकान पर से तेल लाने ले लिए उसे एक अठन्नी का सिक्का दिया और बोली कि जल्दी आजाना। चिल्ली मियां तेल लेने के लिए एक गिलास साथ में लेकर बनिए की दूकान पर पहुंचे।

दुकानदार को अठन्नी देकर उनसे बोले – “लाला! ये अठन्नी का जितना भी तेल होता है उतना इस गिलास में दे दो।” और लाला ने अठन्नी रख लिया। 

दुकानदार ने उस गिलास में पली से तेल को नापकर भरा, तो उसने देखा की गिलास तो छः आने में ही भर गया। 

लाला ने कहा – “लो मियाँ चिल्ली, तुम्हारा गिलास भर गया और ये गिलास छः आने में भरा है, दो आने बच गए हैं तुम्हारे। बताओ इस बचे हुए दो आने के मैं तुम्हें क्या दे दूँ?”

“दो आने बच गए?”

“हाँ मियां, तुम्हारे दो आने बचे हुए हैं। इसका कुछ अगर कुछ लेना है तो बताओ या नहीं तो मैं तुम्हारे बचे हुए दो आने वापस कर देता हूँ और ये तुम अपनी अम्मी को दे देना।”

“मेरी अम्मी ने तेल सिर्फ तेल ही मंगवाया है। मुझे पैसे वापस नहीं चाहिए।”

“तेल लोगे?” दुकानदार ने पूछा।

“हाँ।”

“ठीक है लाओ बर्तन। यह गिलास तो तुम्हारा भर गया है इसमें अब नहीं आएगा।”

“तो मैं बर्तन कहाँ से लाऊंगा लाला?”

“अब इसमें मैं क्या बताऊं, कहीं से भी लेकर आजाओ।”

“ठीक है लाला, तुम एक काम करो…तुम दो आने का तेल इधर दे दो।”

मियां चिल्ली तो गिलास के पीछे पेंदी वाला इलाका ध्यान में आ गया था। तो उसने तेल से भरा हुआ गिलास औंधा करके लाला के सामने कर दिया।

उस गिलास में भरा हुआ सारा तेल लाला के कनस्तर में ही गिर गया और सारा गिलास खाली हो गया। 

मियां चिल्ली ने पेंदी में दो आने का तेल लिया और घर आ गये। 

चिल्ली घर आकर अपनी माँ को तेल से भरा हुआ गिलास दिया, तो उसकी अम्मी ने चिल्ली से बोलै – “अरे तू आठ आने का इतना सा ही तेल लाया है।”

“नहीं और भी है। “

“कहाँ है?”

“यह रहा इधर।”

मियां चिल्ली ने इशारा करते हुए गिलास को पलटा दिया। गिलास के पेंदी में जो दो अन्नी का तेल था वो भी बिखर गया। गिलास का तेल पूरी तरह बिखर गया था और दूसरी ओर गिलास खली था। 

चिल्ली मियां को उसकी अम्मीजान अपनी माथा पीटते हुए बोली – “इतना बड़ा मुर्ख लड़का है मेरा। इससे ज्यादा मुर्ख लड़का पूरी दुनिया में कहीं और नहीं है।”

“वो कैसे अम्मीजान?”

“अरे मुर्ख, सारा का सारा तेल तो वहीं बिखेर आया और यह जो भी जरा सा लाया था, वह भी …

“अम्मी छः आने में पूरी गिलास भर गया था, दो आने का तब मैंने इधर इसके पेंदी में डलवा लिया था। तो निचे वाला तेल दिखने में वो भी निचे गिर गया अम्मी। तो उसमे मेरी क्या गलती है?”

“तो क्या मेरी गलती है, मुर्ख लड़के?”

“हाँ। “

“क्या बकवास कर रहा है?”

“अम्मी आपकी गलती यह है कि पहले तो आपने गिलास ही छोटा दिया था और आपने तेल आठ आने का मंगवाया, जबकि उस गिलास में सिर्फ छः आने का तेल ही अंट सकता था। मुझे तो आपकी बात भी माननी थी, तो मुझे तेल भी आठ आने की ही खरीदनी थी।”

“आपको कहना चाहिए था ना कि अगर पैसे बचेंगे तो वापस लेते आना। जितना गिलास में तेल आये उतना ही लेना। और मैंने आपसे पूछा भी था, पूरे आठ आने का लाना है। आपने कहा था कि आठ ही आने का तेल दुकान से लाना है।”

चिल्ली की अम्मीजान चिल्ली का मुँह देखती रह गयी।

उन्हें लगा कि मेरा लड़का सही बात बोल रहा है। गलती उन्हीं की थी। उन्हें ठीक से चिल्ली को बताना चाहिए था कि गिलास में जितना तेल आएगा उतना ही ले आये, और बचे हुए पैसे वापस ले आये। आज्ञाकारी चिल्ली ने मां को सबक सिखाया।

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कफ़न और कब्र

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एक जगह कुछ लोग इकट्ठे बैठे हुए थे। वहीं सोलह सत्रह साल का नौजवान चिल्ली मियां भी मौजूद थे।

वहाँ के कस्बे के हाकिम जी और कुछ पढ़े लिखे लोग पिछले दिनों उन दुर्घटनाओं से बचने के लिए उपाय और दुर्घटना होने पर प्राथमिक चिकित्सा के संबंध में सबको बता चुके थे।

उस दिन हकीम जी ने सबलोगों को एकत्रित करके सबसे पूछा – “अगर किसी के नदी या कुवां में डूबने से पेट में पानी भर जाए और उसकी सांस रुक जाए, तो आपलोग क्या करेंगे?”

वहां पर मौजूद सबलोग चुप थे और एक दूसरे का मुंह ताक रहे थे।

हकीम जी के साथ आये हुए एक अन्य साथी ने शेख चिल्ली से बोला – “तुम बताओ शेख चिल्ली, किसी के डूबने पर अगर सांस रुक जाए, तो तुम सबसे पहले क्या करोगे?”

“उसके लिए तो मैं सबसे पहले बाज़ार जाकर कफन लेकर आऊंगा। फिर कब्र खोदने के लिए कब्र खोदने वाले को बुलाऊंगा।” शेख चिल्ली ने तुरंत जवाब दिया। शेख चिल्ली के इस जवाब को सुनकर सब जोरों से हंस पड़े।

हकीम जी ने हंसते हुए बोला- “अरे चिल्ली, उत्तर यह होना चाहिए था कि बनावटी सांस देने की क्रिया करनी चाहिए।”

लेकिन चिल्ली मियां ने तो कफन और कब्र की बात ही शुरू कर दी थी।

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-धन्यवाद 

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