की वफ़ा हमसे तो ग़ैर उसको जफ़ा कहते हैं | मिर्ज़ा ग़ालिब | हिंदी शायरी

की वफा हमसे तो ग़ैर उसको जफ़ा कहते हैं | मिर्ज़ा ग़ालिब | हिंदी शायरी

नमस्कार दोस्तों! आज मैं फिर से आपके सामने हिंदी शायरी (Hindi Poetry) “की वफा हमसे तो ग़ैर उसको जफ़ा कहते हैं” लेकर आया हूँ और इस शायरी को मिर्ज़ा ग़ालिब (Mirza Ghalib) जी ने लिखा है.
Read Moreकी वफा हमसे तो ग़ैर उसको जफ़ा कहते हैं | मिर्ज़ा ग़ालिब | हिंदी शायरी
जहां तेरा नक्शे-कदम देखते हैं - मिर्ज़ा ग़ालिब - हिंदी शायरी

जहां तेरा नक्शे-कदम देखते हैं | मिर्ज़ा ग़ालिब | हिंदी शायरी

आपके सामने हिंदी शायरी (Hindi Poetry) “जहां तेरा नक्शे-कदम देखते हैं” लेकर आया हूँ और इस शायरी को मिर्ज़ा ग़ालिब (Mirza Ghalib) जी ने लिखा है.
Read Moreजहां तेरा नक्शे-कदम देखते हैं | मिर्ज़ा ग़ालिब | हिंदी शायरी
है बस कि हर इक उनके इशारे में निशां और - मिर्ज़ा ग़ालिब - हिंदी शायरी

है बस कि हर इक उनके इशारे में निशां और | मिर्ज़ा ग़ालिब | हिंदी शायरी

आपके सामने हिंदी शायरी (Hindi Poetry) “है बस कि हर इक उनके इशारे में निशां और” लेकर आया हूँ और इस कविता को मिर्ज़ा ग़ालिब (Mirza Ghalib) जी ने लिखा है.
Read Moreहै बस कि हर इक उनके इशारे में निशां और | मिर्ज़ा ग़ालिब | हिंदी शायरी
घर हमारा जो न रोते भी तो वीरां होता

घर हमारा जो न रोते भी तो वीरां होता | मिर्ज़ा ग़ालिब | हिंदी शायरी

आपके सामने हिंदी शायरी (Hindi Poetry) “घर हमारा जो न रोते भी तो वीरां होता” लेकर आया हूँ और इस कविता को मिर्ज़ा ग़ालिब (Mirza Ghalib) जी ने लिखा है.
Read Moreघर हमारा जो न रोते भी तो वीरां होता | मिर्ज़ा ग़ालिब | हिंदी शायरी
दिल ही तो है न संग-ओ-ख़िशत | मिर्ज़ा ग़ालिब | हिंदी शायरी

दिल ही तो है न संग-ओ-ख़िशत | मिर्ज़ा ग़ालिब | हिंदी शायरी

आपके सामने हिंदी शायरी (Hindi Poetry) “दिल ही तो है न संग-ओ-ख़िशत” लेकर आया हूँ और इस कविता को मिर्ज़ा ग़ालिब (Mirza Ghalib) जी ने लिखा है.
Read Moreदिल ही तो है न संग-ओ-ख़िशत | मिर्ज़ा ग़ालिब | हिंदी शायरी
दोसत ग़मखवारी में मेरी सअयी फ़रमायेंगे क्या | मिर्ज़ा ग़ालिब | हिंदी शायरी

दोसत ग़मखवारी में मेरी सअयी फ़रमायेंगे क्या | मिर्ज़ा ग़ालिब | हिंदी शायरी

आपके सामने हिंदी शायरी (Hindi Poetry) “दोसत ग़मखवारी में मेरी सअयी फ़रमायेंगे क्या” लेकर आया हूँ और इस कविता को मिर्ज़ा ग़ालिब (Mirza Ghalib) जी ने लिखा है.
Read Moreदोसत ग़मखवारी में मेरी सअयी फ़रमायेंगे क्या | मिर्ज़ा ग़ालिब | हिंदी शायरी
दिले-नादां तुझे हुआ क्या है | मिर्ज़ा ग़ालिब | हिंदी शायरी

दिले-नादां तुझे हुआ क्या है | मिर्ज़ा ग़ालिब | हिंदी शायरी

आपके सामने हिंदी शायरी (Hindi Poetry) “दिले-नादां तुझे हुआ क्या है” लेकर आया हूँ और इस कविता को मिर्ज़ा ग़ालिब (Mirza Ghalib) जी ने लिखा है.
Read Moreदिले-नादां तुझे हुआ क्या है | मिर्ज़ा ग़ालिब | हिंदी शायरी
धमकी में मर गया, जो न बाबे-नबरद था | मिर्ज़ा ग़ालिब | हिंदी शायरी

धमकी में मर गया, जो न बाबे-नबरद था | मिर्ज़ा ग़ालिब | हिंदी शायरी

आपके सामने हिंदी शायरी (Hindi Poetry) “धमकी में मर गया, जो न बाबे-नबरद था” लेकर आया हूँ और इस कविता को मिर्ज़ा ग़ालिब (Mirza Ghalib) जी ने लिखा है.
Read Moreधमकी में मर गया, जो न बाबे-नबरद था | मिर्ज़ा ग़ालिब | हिंदी शायरी