उनकी फितरत है कि वे धोखा करें | हंसराज रहबर | हिन्दी कविता

उनकी फितरत है कि वे धोखा करें | हंसराज रहबर | हिन्दी कविता

आपके सामने हिंदी कविता (Hindi Poem) “उनकी फितरत है कि वे धोखा करें” लेकर आया हूँ और इस कविता को हंसराज रहबर (Hansraj Rahbar) जी ने लिखा है.
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