धमकी में मर गया, जो न बाबे-नबरद था | मिर्ज़ा ग़ालिब | हिंदी शायरी आपके सामने हिंदी शायरी (Hindi Poetry) “धमकी में मर गया, जो न बाबे-नबरद था” लेकर आया हूँ और इस कविता को मिर्ज़ा ग़ालिब (Mirza Ghalib) जी ने लिखा है.Read More