कोशिका – जीवन की आधारभूत इकाई – भारती भवन कक्षा 9 जीव विज्ञान अध्याय 1 (Bharti Bhawan Class 9 Biology Chapter 1)

भारती भवन कक्षा 9 जीव विज्ञान अध्याय 1 (Bharti Bhawan Class 9 Biology Chapter 1)
भारती भवन कक्षा 9 जीव विज्ञान अध्याय 1 (Bharti Bhawan Class 9 Biology Chapter 1)

अति लघुउत्तरीय प्रश्न – भारती भवन कक्षा 9 जीव विज्ञान अध्याय 1 (Bharti Bhawan Class 9 Biology Chapter 1)

उत्तर: सर्वप्रथम राबर्ट हुक ने 1665 में देखा।

उत्तर: सभी जीव कोशिकाओं के बने होते हैं, ये जीवन की मूलभूत इकाई है।जीवित कोशिका में मूलभूत कार्य करने की क्षमता होती है।

उत्तर: कोशिकाभित्ति पादप कोशिकाओं में पायी जाती है।

उत्तर: माइटोकांड्रिया 

उत्तर:-  लाइसोसोम को आत्महत्या की थैली कहा जाता है।

उत्तर:- कोशिका के अन्दर प्रोटीन संश्लेषण राइबोसोम में भी होता है।

उत्तर:- लवक सिर्फ पादप कोशिकाओं में पाये जाते हैं।

उत्तर:- कोशिका के दो अंगक माइटोकांड्रिया तथा लवक में डीएनए पाया जाता है।

उत्तर:- भोजन का सम्पूर्ण आक्सीजन माइटोकांड्रिया में होता है।

उत्तर:- कोशिकाभित्ति कड़ी और निर्जीव होती है, जबकि कोशिका झिल्ली अर्द्धपारगम्य एवं सजीव होती है।

उत्तर:- कोशिका झिल्ली द्वारा कुछ ही पदार्थ अन्दर या बाहर आ जा सकते हैं, सब पदार्थ नहीं। इसलिए इसको चयनात्मक पारगम्य झिल्ली कहते हैं।

उत्तर:- नहीं, पादप कोशिका में सेंट्रोसोम नहीं पाया जाता है।

उत्तर:- गाल्जी उपकरण कोशिका में पाया जाता है।

उत्तर:- ल्यूकोप्लास्ट खाद्य संचय का कार्य करता है।

उत्तर:- दो प्रकार की होती है- चिकनी, दानेदार

उत्तर:- डीएनए

उत्तर:- कोशिका विभाजन के समय क्रोमाइटिन धागे क्रोमोसोम की तरह दिखायी पड़ते हैं।

उत्तर:- डीएनए के क्रियात्मक खण्ड को जीन कहते हैं।

उत्तर:- क्रोमोसोम का निर्माण ऐलीकिल, मैट्रिक्स, क्रोमाइटिक्स, क्रोमोनिमायटा और सेंट्रोमीयर घटकों से होता है।

उत्तर:- केंद्रिका केंद्रक के अन्दर केंद्रक द्रव्य में पाया जाता है।

उत्तर:- प्रोकैरियोटिक कोशिका में केंद्रक नहीं पाया जाता है।

उत्तर:- सिर्फ विसरण के द्वारा

उत्तर:- पौधों में गैसों का आदान प्रदान स्टोमैटा के द्वारा होता है।

उत्तर:-  परासरण द्वारा

उत्तर:- कोशिकाओं से

उत्तर:- कोशिका विभाजन द्वारा

उत्तर:-  अमीबा

उत्तर:- जीव के शरीर के आकार पर

उत्तर:- मैक्स मुल्ज

उत्तर:- विरचो ने

उत्तर:- जीवद्रव्य या प्रोटोप्लाज्म

उत्तर:- सेल्यूलोस के कारण

उत्तर:- यूकैरियोटिक कोशिकाओं में

उत्तर:- (क) चिकनी अंत: प्रद्रव्यी जालिका

(ख) खुरदरी अंत: प्रद्रव्यी जालिका

उत्तर:- पालीराइबोसोम 

उत्तर:- डिक्टियोसोम 

उत्तर:- टोनोप्लास्ट 

उत्तर:- केन्द्रक छिद्र के द्वारा

उत्तर:- केन्द्रक द्रव्य में

उत्तर:- केन्द्रिका में

उत्तर:- सेंटोमियर 

उत्तर:- टेलीमियर 

उत्तर:- 46

उत्तर:- पतले और लंबे तार की तरह 

उत्तर:- कोशिका द्रव्य में

उत्तर:- ल्यूकोण्लास्ट 

उत्तर:- कुंडिकाओं या सिस्टर्नी 

उत्तर:- स्ट्रोमा 

उत्तर:- झिल्ली के अभाव में

उत्तर:- क्रोमोप्लास्ट

लघुउत्तरीय प्रश्न – भारती भवन कक्षा 9 जीव विज्ञान अध्याय 1 (Bharti Bhawan Class 9 Biology Chapter 1)

(i) राइबोसोम:- इनमें प्रोटीन संश्लेषण होता है।

(ii) माइटोकांड्रिया:- इनमें उपस्थित कोशिकीय श्वसन के एंंजाइम के चलते भोजन का संपूर्ण आक्सीकरण होता है। इसके फलस्वरूप जीव के लिए ढेर सारी अति आवश्यक ऊर्जा मुक्त होती है। इसलिए माइटोकांड्रिया को कोशिकीय ऊर्जा गृृह कहा जाता है। यह ऊर्जा एटीपी के रूप में जमा रहता है। कोशिका नये यौगिक के निर्माण के समय एटीपी में संचित ऊर्जा का इस्तेमाल करती है। क्रिस्टी से अन्दर की झिल्ली का सतह क्षेत्र बढ़ता है।

(iii) हरितलवक:-ल्यूकोप्लास्ट मुख्यतः जड़ की कोशिकाओं में पाये जाते हैं और खाद्य संचय का कार्य करते हैं। इसमें स्टार्च, प्रोटीन तथा तेल जैसे पदार्थ संचित रहते हैं। क्रोमोप्लास्ट फूलों और बीजों को विभिन्न रंग प्रदान करते हैं। क्लोरोप्लास्ट मुख्यतः पत्तियों में पाये जाते हैं एवं भोजन संश्लेषण में सहायक है।

(iv) गुणसूत्र:-एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में वंशागत सूचना प्रेषित करना।

(v) गाल्जी:-ER संश्लेषित पदार्थों का संचयन, रूपांतरण तथा पैक कर कोशिका के बाहर और अंदर विभिन्न क्षेत्रों में भेजता है। कोशिका का मुख्य स्रवण अंगक है, लाइसोसोम एवं पेराक्सिसोम के निर्माण में मदद करता है। कुछ परिस्थितियों में इसमें सामान्य शक्कर से जटिल शक्कर का निर्माण होता है। पादप कोशिका विभाजन के समय कोशिका प्लेट बनाने में सहायक है।

(vi) रिक्तिका/रसधानी:- जन्तु कोशिका में यह जल संतुलन का कार्य करती है। कोशिका रस में मौजूद विभिन्न पदार्थों को कोशिकाद्रव्य से अलग रखती है। कुछ एक कोशिकीय जीवों में विशिष्ट रसधानियाँ कुछ अपशिष्ट पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने में सहायक होती है। पादप कोशिकाओं में ये स्फीति तथा कठोरता प्रदान करती है।

(vii) कोशिकाभित्ति:- यह कोशिका को निश्चित रूप प्रदान करती है। यह कोशिका को सुरक्षा और सहारा भी प्रदान करती है। यह कोशिका झिल्ली की रक्षा करती है। यह कोशिका को सूखने से बचाता है।

(viii) कोशिका झिल्ली:- यह एक सीमित झिल्ली का कार्य करती है। यह कोशिका का एक निश्चित आकार बनाये रखने में सहायता करती है। यह कोशिका को यांत्रिक सहारा प्रदान करती है। यह भिन्न-भिन्न प्रकार के अणुओं को बाहर निकलने एवं अंदर आने में नियंत्रण करती है। जंतु कोशिका में यह सीलीया फ्लैजिला, माइक्रोभिलाई आदि के निर्माण में सहायक है।

(ix) लाइसोसोम:- कोशिका में प्रवेश करनेवाले बड़े कणों एवं बाह्य पदार्थों का पाचन करता है। अन्त: कोशिकीय पदार्थों तथा अंगकों के टूटे फूटे भागों को पाचित कर कोशिका को साफ़ करता है। जीवाणु एवं वायरस से रक्षा करता है। जिस कोशिका में रहता है उसी आवश्यकतानुसार नष्ट करने का कार्य करता है।

उत्तर:- प्रोकैरियोटिक प्रकार की कोशिकाओं में नाभिक नहीं होता व नाभिकीय क्षेत्र न्यूक्लिओइड कहलाता है। इस कोशिका का द्रव्य के साथ सीधा संपर्क होता है।

उत्तर:- पादप कोशिकाओं और जन्तु कोशिकाओं में मुख्य अंतर:

पादप कोशिकाजन्तु कोशिका
(क) सैल्लोस से बनी कोशिका भित्ति होती है।(क) कोशिकाभित्ति नहीं होती है।
(ख) लवक पाये जाते हैं।(ख) लवक नहीं होते।
(ग) रिक्तिका बड़ी होती है।(ग) रिक्तिका नहीं होती या बहुत छोटी होती है।
(घ) सेंट्रोसोम नहीं होता।(घ) सेंट्रोसोम होता है।
(ड़) गाल्जी उपकरण डिक्टियोसोम के रूप में होता है।(ड़) गाल्जी उपकरण पूर्ण विकसित होता है।
(च) प्रायः आकार में बड़ी होती है।(च) अपेक्षाकृत आकार में छोटी होती है।

उत्तर:- यदि कोशिका में गाल्जीकाय न हो तो अन्तर्द्रव्यी जालिका में बने पदार्थों का कोशिका के अन्दर व बाहर आवश्यक भागों को स्थानांतरण बंद हो जाएगा। लाइसोसोम का निर्माण नहीं होगा जिसमें बहुत से एन्जाइमों व हार्मोनों का निर्माण नहीं होगा जिससे कोशिका से अपशिष्ट पदार्थों का निष्कासन नहीं होगा। इन सबसे कोशिका का जीवन कम हो जाएगा।

उत्तर:- माइटोकांड्रिया में भोजन के आक्सीजन से ऊर्जा मुक्त होती है। यहीं पर एटीपी के रूप में संचित होती है। इसलिए इसे कोशिका का ऊर्जा संयंत्र कहते हैं। माइटोकांड्रिया को कोशिका का बिजलीघर अथवा ऊर्जा घर कहा जाता है क्योंकि यह भोजन के आक्सीकरण तथा ऊर्जा उत्पादन का कार्य करता है।

उत्तर:- कुछ एककोशिकीय जंतुओं जैसे अमीबा में कोशिका झिल्ली का लचीलापन कोशिका को इस योग्य बनाता है कि अपने बाहरी वातावरण से ये भोजन तथा अन्य खाद्य पदार्थों का अधिग्रहण कर सकती है। कोशिका झिल्ली द्वारा संपन्न होनेवाली इस क्रिया को एंडोसाइटोसिस कहते हैं।

उत्तर:- लवक तीन प्रकार के होते हैं-

  • (क) अवर्णीलवक या ल्यूकोप्लास्ट
  • (ख) वर्णीलवक या क्रोमोप्लास्ट
  • (ग) हरितलवक या क्लोरोप्लास्ट

कार्य:-

  • (क) ल्यूकोप्लास्ट मुख्यतः जड़ की कोशिकाओं में पाये जाते हैं और खाद्य संचय का कार्य करते हैं। इसमें स्टार्च, प्रोटीन तथा तेल जैसे पदार्थ संचित रहते हैं।
  • (ख) क्रोमोप्लास्ट फूलों और बीजों को विभिन्न रंग प्रदान करते हैं।
  • (ग) क्लोरोप्लास्ट मुख्यतः पत्तियों में पाया जाता है एवं भोजन संश्लेषण में सहायक है।

उत्तर:- केन्द्रक झिल्ली या केन्द्रक कला में पाये जानेवाली छिद्रों के द्वारा केन्द्रकद्रव्य एवं कोशिका द्रव्य के बीच पदार्थों का आदान प्रदान होता है।

उत्तर:- क्योंकि जीन पैतृक गुणों के वाहक होते हैं, इसलिए इसको आनुवंशिक इकाई कहते हैं।

उत्तर:- विसरण तथा परासरण में अंतर:

विसरण परासरण
(क) यह क्रिया पदार्थ की तीनों अवस्थाओं (गैस, द्रव ठोस) में होती है।(क) यह क्रिया केवल द्रव पदार्थों में होती है।
(ख) इसमें अर्द्ध पारगम्य झिल्ली होना आवश्यक नहीं है।(ख) इसमें दो भिन्न सांद्रण घोलों के मध्य अर्द्ध पारगम्य झिल्ली होना आवश्यक है।

उत्तर:- जीवों में उपयोगी का उनके मूल स्रोतों से शरीर के प्रत्येक कोशिका तक पहुँचाने तथा अनुपयोगी या हानिकारक पदार्थों को कोशिकाओं से निकालकर गंतव्य स्थान तक पहुँचाने की क्रिया को पदार्थों का परिवहन कहते हैं। पदार्थों के परिवहन में कोशिका में मौजूद कोशिका झिल्ली मुख्य भूमिका निभाती है। यह कार्य विसरण एवं परासरण क्रियाओं द्वारा संपन्न होता है। जीवों में गैसों का आदान प्रदान विसरण द्वारा होता है जबकि पौधे अपने मूल रोम से जल का अवशोषण परासरण द्वारा करते हैं। अत: जीवों में पदार्थों के परिवहन की महत्त्वपूर्ण आवश्यकता है।

उत्तर:- क्रोमोसोम तथा क्रोमैटिड में अंतर

क्रोमोसोमक्रोमैटिड
(क) क्रोमोसोम महीन, लंबा तथा अत्यधिक कुण्डलित धागे के रूप में दिखाई देता है।(क) दो समानांतर कुण्डलित धागे के समान रचना होती है।
(ख) क्रोमोसोम बेलनाकार होते हैं।(ख) क्रोमैटिड बेलनाकार नहीं होते हैं।
(ग) क्रोमोसोम के तीन भाग होते हैं- पेलिकल, मैट्रिक्स तथा क्रोमैटिड(ग) क्रोमैटिड के कोई भाग नहीं होते हैं।

उत्तर:- (क) इसका सामान्यतः आकार बड़ा होता है।

(ख) ये केंद्रक द्वारा केंद्रक झिल्ली द्वारा घिरा रहता है।

(ग) इसमें एक से अधिक गुणसूत्र होते हैं।

(घ) इसमें केन्द्रिका पायी जाती है।

(ड़) इसमें झिल्लियों से बने कोशिकांग पाये जाते हैं।

(च) इसमें कोशिका विभाजन समसूत्री तथा अर्द्धसूत्री विधियों से होता है।

(छ) इसमें अनेक क्रोमोसोम पाया जाता है।

उत्तर:- झिल्ली जीवों का एक आवश्यक हिस्सा होता है। वायरस में किसी प्रकार की झिल्ली नहीं होती है। इसके चलते इसमें सजीवों का लक्षण नहीं पाया जाता है।

उत्तर:- खुरदरी अन्त: प्रद्रव्यी जालिका की सतह पर राइबोसोम होते हैं जो प्रोटीन संश्लेषण का कार्य करते हैं जबकि चिकनी अन्त: प्रद्रव्यी जालिका पर राइबोसोम नहीं होते। ये लिपिडों को स्त्रावित करती है।

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