सहायक नदियाँ उन्हें कहते हैं जो एक बड़ी नदी में मिल जाती हैं। लगभग 4700 वर्ष पूर्व इन्हीं नदियों के किनारे कुछ आरंभिक नगर फले-फूले। गंगा व इसकी सहायक नदियों के किनारे तथा समुद्र तटवर्ती इलाकों में नगरों का विकास लगभग 2500 वर्ष पूर्व हुआ।
गंगा के दक्षिण में इनके नदियों के आस-पास का क्षेत्र प्राचीन काल में ‘मगध’ (वर्तमान बिहार में) नाम से जाना जाता था। इसके शासक बहुत शक्तिशाली थे और उन्होंने एक विशाल राज्य स्थापित किया था। देश के अन्य हिस्सों में भी ऐसे राज्यों की स्थापना की गई थी।
लोगों ने सदैव उपमहाद्वीप के एक हिस्से से दूसरे हिस्से तक यात्रा की। कभी-कभी हिमालय जैसे ऊँचे पर्वतों, पहाड़ियों, रेगिस्तान, नदियों तथा समुद्रों के कारण यात्रा जोखिम भरी होती थी, फिर भी ये यात्रा उनके लिए असंभव नहीं थीं। अतः कभी लोग काम की तलाश में तो कभी प्राकृतिक आपदाओं के कारण एक स्थान से दूसरे स्थान जाया करते थे।
कभी-कभी सेनाएँ दूसरे क्षेत्रों पर विजय हासिल करने के लिए जाती थीं। इसके अतिरिक्त व्यापारी कभी काफ़िले में तो कभी जहाज़ों में अपने साथ मूल्यवान वस्तुएँ लेकर एक स्थान से दूसरे स्थान जाते रहते थे। धार्मिक गुरू लोगों को शिक्षा और सलाह देते हुए एक गाँव से दूसरे गाँव तथा एक कसबे से दूसरे कसबे जाया करते थे।
कुछ लोग नए और रोचक स्थानों को खोजने की चाह में उत्सुकतावश भी यात्रा किया करते थे। इन सभी यात्राओं से लोगों को एक-दूसरे के विचारों को जानने का अवसर मिला। (Ancient History Of India – Hindi Story)
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