
नमस्कार दोस्तों ! कैसे हैं आपसभी ?
आज मैं आपके सामने बहुत ही रोचक कहानी लेकर आया हूँ, जो एक चिड़िया के ऊपर है। उम्मीद करता हूँ कि आपको ये कहानी अच्छी लगेगी। आप अपने सुझाव कमेंट बॉक्स में दे सकते हैं, जो आपको सबसे नीचे मिलेगी।
हुदहुद – Hindi Story Short With Moral
हुदहुद को कलगी कैसे मिली एक बार सुलेमान नाम के बादशाह आकाश में उड़ने वाले अपने उड़नखटोले पर बैठे कहीं जा रहे थे। बड़ी गर्मी थी। धूप से वह परेशान हो रहे थे। आकाश में उड़ने वाले गिद्धों से उन्होंने कहा कि अपने पंखों से तुम लोग मेरे सिर पर छाया कर दो। पर गिद्धों ने ऐसा करने से मना कर दिया। उन्होंने बहाना बनाते हुए कहा, “हम तो इतने छोटे-छोटे हैं। हमारी गर्दन पर पंख भी नहीं हैं। हम छाया कैसे कर सकते हैं।”

सुलेमान आगे बढ़ गए। कुछ दूर जाने पर उनकी भेंट हुदहुदों के मुखिया से हुई। सुलेमान ने उससे भी मदद माँगी। वह चतुर था। उसने फ़ौरन अपने दल के सभी हुदों को इकट्ठा करके बादशाह सुलेमान के ऊपर छाया कर दी।
सुलेमान बोले, “मैंने गिद्धों से भी मदद मांगी थी। वे मेरी मदद कर सकते थे पर उन्होंने मेरी मदद नहीं की। तुम गिद्धों से छोटे तो हो पर चतुर अधिक हो। तुम सबने मिलकर मेरी सहायता की है। मैं तुमसे बहुत प्रसन्न हूँ। मैं तुम्हारी कोई इच्छा पूरी करूँगा। बताओ, तुम्हारी क्या इच्छा है?”
मुखिया ने कहा, “महाराज, मैं अपने सभी साथियों से सलाह करने के बाद अपनी इच्छा बताऊँगा।” मुखिया ने साथियों से सलाह करने के बाद कहा, “महाराज! यह वरदान दीजिए कि हमारे सिर पर आज से सोने की कलगी निकल आए।”
बादशाह हँसे और बोले-“मुखिया, इसका फल क्या होगा, यह तुमने सोच लिया है?” मुखिया बोला “हाँ, महाराज! मैंने ख़ूब परामर्श करके यह वर माँगा है।”
सुलेमान ने प्रार्थना स्वीकार कर ली। सभी हुदहुदों के सिर पर सोने की कलगी निकल आई। लोगों ने सोने की कलगी को देखा, तो वे हुदहुदों के पीछे पड़ गए। तीर से उन्हें मार-मारकर सोना इकट्ठा करने लगे। हुदहुदों का वंश समाप्त होने पर आ गया।
तब मुखिया घबराकर बादशाह सुलेमान के पास पहुँचा और बोला “इस सोने की कलगी के कारण तो हमारा वंश ही समाप्त हो जाएगा।”
सुलेमान ने कहा “मैंने तो शुरू में ही तुम्हें चेतावनी दी थी। खैर, जाओ, आज से तुम्हारे सिर का ताज सोने का नहीं, सुंदर परों का हुआ करेगा।” और तभी से हुदहुदों के सिर पर परों का यह ताज (कलगी) शोभा पा रहा है।

हुदहुद एक बहुत ही सुंदर पक्षी है। इसके शरीर का सबसे सुंदर भाग इसके सिर की कलगी होती है। वैसे तो यह इसे समेटे रहता है। पर जैसे ही किसी तरह की आवाज़ होती है, यह चौकन्ना होकर परों को फैला लेता है। तब यह कलगी देखने में किसी सुंदर पंखी जैसी लगने लगती है। इसी कलगी के बारे में तुमने अभी एक सुंदर कहानी भी पढ़ी है।

हुदहुद का सारा शरीर रंग-बिरंगा और चटकीला होता है। पंख काले-काले होते हैं जिन पर मोटी सफ़ेद धारियाँ बनी होती हैं। गर्दन का अगला हिस्सा बादामी रंग का होता है। चोटी भी बादामी रंग की होती है, मगर उसके सिरे काले और सफ़ेद होते हैं। दुम का भीतरी हिस्सा सफ़ेद और बाहरी हिस्सा काले रंग का होता है। चोंच पतली, लंबी तथा तीखी होती है। इस चोंच से यह आसानी से ज़मीन के भीतर छिपे हुए कीड़े मकोड़ों को ढूँढ़ निकालता है। इसकी चोंच नाखून काटने वाली ‘नहरनी’ से बहुत मिलती है और शायद इसीलिए कहीं-कहीं इसे ‘द्वजामिन’ चिड़िया के नाम से भी पुकारते हैं। हुदहुद हमारे देश के सभी भागों में पाए जाते हैं।

तुमने इसे अपने घर के आसपास अपनी तीखी चोंच से ज़मीन खोदते हुए अवश्य देखा होगा। बोलते समय यह तीन बार ‘हुप-हुप-हुप’-सा कुछ कहता है, इसीलिए इसे अंग्रेज़ी में ‘हूप ऊ’ कहा जाता है। हिन्दी में इसे हुदहुद कहते हैं। दूब में कीड़ा ढूँढ़ने के कारण हमारे देश में कहीं-कहीं इसे ‘पदुबया’ भी कहते हैं और सुंदर कलगी की वज़ह से कुछ देशों में लोग इसे ‘शाह सुलेमान’ कहकर पुकारते हैं।
मादा हुदहुद तीन से दस तक अंडे देती है। जब तक बच्चे अंडे से बाहर नहीं निकल जाते, वह अंडों पर बैठी रहती है, हटती नहीं। नर वहीं भोजन लाकर उसे खिला जाता है। पर दोनों में से कोई भी घोंसले की सफ़ाई नहीं करता। संसार के विख्यात पक्षियों में से एक है यह हुदहुद। यह अपनी सुंदरता के लिए तो मशहूर है, पालतू नहीं बनाया जा सकता और न ही इसकी बोली में मिठास है।

तो ये थी हुदहुद पक्षी की कहानी। उम्मीद करते हैं कि आपको ये कहानी पढ़कर अच्छा लगा होगा। आप सपने सुझाव हमें कमेंट बॉक्स में दे सकते हैं, जो आपको सबसे निचे में मिलेगी।
हुदहुद – Hindi Story Short With Moral
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-धन्यवाद
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