OUR PAST – Moral Story, Ancient Story
OUR PAST – Moral Story, Ancient Stories:- जैसा कि हम जानते हैं, मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। हम सभी लोग एक ही समाज मे रहते हैं। यह समाज हमारे घर,गांव, शहर , देश से होते हुए पूरी दुनिया में फैला हुआ है।
हो सकता है कि आपने पढ़ा होगा कि आज की दुनिया एक “वैश्विक गांव” है जिसे हम Global Village भी कहते हैं। क्या हमलोगों का समाज शुरू से ही ऐसा था या इसका विकास धीरे-धीरे हुआ है? इन सभी सवालों के जवाब हमे अपने इतिहास से पता चलता है।
आप लोग ये भी जानते होंगे कि इतिहास का संबंध अतीत के उस समय से है जिसके बारे में जिसके बारे में में हमे लिखित साक्ष्य मिलते हैं। इसके अलावा अतीत का वह समय भी है जिसके बारे में हमे कुछ लिखित नही मिलता है बल्कि ज़मीन के नीचे दबे वस्तुओं या अभिलेखों से मिलती है। यह समय पूर्व इतिहासिक काल कहलाता है।
बहुत सारे ऐसे समाज हैं जिसके बारे में कुछ लिखा नही गया है पर अभी भी हमारे साथ इसी युग में जीवन व्यतीत कर रहे हैं। इनके बीच जो क़िस्से- कहानियां, रीति रियाज़ प्रचलित है उसी के मदद से हम लोग इनके बारे में जानते हैं।
तो आपलोगों को यह अंदाज़ा लग गया होगा कि इतिहास जानने के लिए साधन अनेक प्रकार के हैं। इन्ही सभी साधनों के आधार पर हमें इतिहासकार अतीत के बारे में बताते हैं।
मनुष्य की उत्पत्ति कैसे हुई, कैसे एक साथ मिलकर रहना शुरू किया, कैसे उन्होंने अपनी जरूरतों को पूरा किया, कैसे भोजन पाया, कैसे खेती करना शुरू किया, कैसे पहाड़ों से निकलकर मकान बनाया, कैसे कपड़े पहनना शुरू किया, कैसे औज़ार बनाये और भी कई तरह के बातों का हमें अपने अतीत या इतिहास से पता चलता है।
OUR PAST – Moral Story, Ancient Stories
किसी भी समूह या समाज का विकास एक निर्धारित स्थान और होता है और इसमें भी कई चीजों का योगदान होता है। आपलोगों ने कभी ये सोच है कि नदी-घाटियों से ही सभ्यताओं का विकास क्यों हुआ? ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि नदियों के किनारे की ज़मीन बहुत उपजाऊ होते हैं और यहां खेती का काम आसान होता है।
नदियों के रास्ते व्यापार भी आसान था। ऐसी ही कई परिस्थितियों के साथ सभ्यताओं के विकास हुआ। हमारा पर्यावरण हमारे रहन-सहन, वेष-भूषा को प्रभावित करता है। इतिहास की प्रक्रिया बहुत लम्बे समय तक फैली है।
मनुष्य जब एक साथ मिलकर रहने लगा था या एक समाज का विकास होने लगा था, सभ्यता तभी आयी भी नहीं थी। तभी मनुष्य का जीवन सरल था मगर कठिन भी था। कांड-मूल जमा करके वे अपने ज़रूरतों को पूरा कर रहे थे। फिर पत्थरों का औज़ार और हथियार बनना शुरू हुआ। यह मनुष्य का पहला आविष्कार था।
इसी तरह हमने आग का उपयोग करना सीखा। यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण खोज थी क्योंकि इससे मनुष्य के जीवन में मौलिक परिवर्तन आया। इससे वे अपना खाना पकाकर खाने लगे। ठंडी में वे आग जलाकर ठंड से बचे रहते थे और खतरनाक जानवरों से भी बचे रहते थे। उनके जीवन का स्तर पहले से आगे बढ़ा था।
इन सबके बाद मनुष्य ने पशुपालन, व्यापार, और यातायात के साधनों में ध्यान दिया। उनके जीवन के सोच विचार ने उनके लिए कई अवसर प्रदान किये। जीवन के अर्थ और महत्त्व को समझने और जीवन की कल्पना करने की समता बढ़ाई। मृत लोगों के दाह-संस्कार के तरीके सोचे, मिट्टी में शव को गाड़ने की प्रथा चली जिसके साक्ष्य हमें इस युग से मिलते हैं।
मनुष्य ने अर्थों में सभ्य जीवन आरम्भ किया, मगर तभी कोई भी लिपि विकसित नहीं थी, इसके कारण उन्होंने अपने बारे में कुछ लिखित साक्ष्य नही छोड़ा है। जमीन के नीचे दबे वस्तुओं की खोज और इसके अध्यन से ही हमें इनके संस्कृति के बारे में पता चलता है।
इसके बाद नगरों का बनना शुरू हुआ, प्रशासन तंत्र, व्यापार , कला, धर्म और अनेकों क्षेत्रों में मनुष्य ने आने जीवन शैली को अपनाया। इनलोगों को लिपि की जानकारी हुई। अनेकों मोहर पर बहुत कुछ लिखा मिला लेकिन उसे अभी तक पूरी तरह से पढ़ा नही गया है। इसीलिए हमें पुराने सामग्री पर निर्भर रहना पड़ता है जो उन जगहों से प्राप्त हुए हैं।
इसके बाद वेदों की रचना हुई जो शुरू में लिखित नही थी। इसलिए इसे कालांतर में लिखा गया। इसी तरह से विकास का क्रम चलता रहा और जीवन का सरल रूप ज्यादा विकसित और जटिल बनता गया।
इसके बाद राज्यों के विकास का क्रम शुरू हुआ और इससे जुड़े सैनिक, प्रशासनिक और राजनयिक गतिविधियाँ शुरू हुई। दूसरी तरफ धर्म और दर्शन की ओर नए विचार उत्पन्न हुए। बौद्ध धर्म और जैन धर्म के रूप में नई विचारधाराएँ उत्पन्न हुई जिसका असर सभी देशों पर पड़ा।
शायद आपको पता नही होगा कि इसमें बिहार का क्षेत्र, भारत का सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र बना। दुनिया का पहला गणराज्य और भारत के पहले साम्राज्य की स्थापना बिहार में हुई है। इसी प्रकार बौद्ध धर्म और जैन धर्म की उत्पत्ति भी बिहार में ही हुई थी।
अशोक महान की उपलब्धियों के बारे में आपको तो पता है होगा जिसने पहली बार एक कल्याणकारी राज्य की स्थापना की और भारत के पड़ोसी राज्यों में मैत्रीपूर्ण संबंध स्थापित किया था। आगे चलकर इसी संबंधों से भारत के सांस्कृतिक प्रभाव का पूरी दुनिया में विस्तार हुआ।
मौर्य साम्राज्य के पतन होने के बाद विशाल साम्राज्य के स्थान पर छोटे-छोटे राज्य भारत मे स्थापित हुए। यहां कई ऐसे राज्य हैं जिसकी स्थापना विदेशी शासकों ने की थी। इसके चलते सांस्कृतिक आदान-प्रदान की प्रक्रिया और समृद्ध हुई। इसी समय में दक्षिण भारत में भी सभ्यता का विकास के साक्ष्य मिलते हैं।
इन सभी बातों से आपको यह अनुमान लग गया होगा कि इतिहास के बारे में जानना क्यों जरूरी है। आपने देखा होगा कि मानव समाज के विकास का क्रम बहुत ही लम्बे समय तक फैला है। इतिहास हमें कई कारणों का बोध कराता है। तभी हम अपने अतीत के बारे में जान सकते हैं। यह जानकारी हमलोगों को अपने वर्तमान और भविष्य को बेहतर बनाने में सहायता प्रदान करता है।
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-धन्यवाद
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मुझे नयी-नयी चीजें करने का बहुत शौक है और कहानी पढने का भी। इसलिए मैं इस Blog पर हिंदी स्टोरी (Hindi Story), इतिहास (History) और भी कई चीजों के बारे में बताता रहता हूँ।
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Okay bro better post next tym.
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Thanks u sir
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