पुल बनाने वाले | खलील जिब्रान | हिंदी कहानी

पुल बनाने वाले हिंदी कहानी: नमस्कार दोस्तों! आज कि ये पुल बनाने वाले हिंदी कहानी जाने-माने लेबनानी-अमेरिकी लेखक, कवि और दृश्य कलाकार खलील जिब्रान ने लिखा हैं. उन्हें एक दार्शनिक भी माना जाता था, हालांकि उन्होंने खुद शीर्षक को अस्वीकार कर दिया था. उन्होंने The Prophet नाम की किताब लिखी , जो पहली बार 1923 में संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रकाशित हुआ था और तब से अब तक की सबसे अधिक बिकने वाली पुस्तकों में से एक बन गई है, जिसका 100 से अधिक भाषाओं में अनुवाद किया गया है.

इस कहानी का हिंदी अनुवाद कानन झींगन ने किया हैं.

तो शुरू करते हैं आज का पोस्ट जिसका नाम है-    पुल बनाने वाले    हिंदी कहानी. अगर आपको कहानियां पढने में अच्छा लगता है तो मेरे ब्लॉग साईट पर आप पढ़ सकते हैं यहाँ आपको कई तरह की कहानियां देखने को मिलेगी. आप लिंक पर क्लिक करके वहाँ तक पहुँच सकते हैं. (यहाँ क्लिक करें)

पुल बनाने वाले | खलील जिब्रान | हिंदी कहानी
पुल बनाने वाले | खलील जिब्रान | हिंदी कहानी

पुल बनाने वाले | खलील जिब्रान | हिंदी कहानी

”अमीर और ग़रीब का फ़र्क कितना नगण्य हैं. एक ही दिन की भूख और एक ही घंटे की प्यास दोनो को समान बना देती हैं.” ख़लील जिब्रान

एटीओक (टर्की का नगर) में जहां अस्सी नदी सागर में मिलन जाती है, एक पुल बनाया गया, ताकि आधा शहर दूसरे आधे शहर के करीब आ सके. यह पुल बड़े-बड़े पत्थरों से बना था. एटीओक के खच्चरों की पीठ पर लाद कर ये पत्थर पहाड़ों से नीचे लाए गए थे.

जब पुल बन गया तो एक खम्भे पर ग्रीक और अरेमिक (एश्म की भाषा) में उकेरा गया, ‘यह पुल राजा एंटीओकस द्वितीय ने बनवाया.

सब लोग उस सुंदर पुल के रास्ते से भरी हुई अस्सी नदी पार करते. एक शाम, एक युवक ने, जिसे लोग थोड़ा-सा बावला कहते थे, खम्भे पर चढ़कर उन उकेरे गए शब्दों पर चारकोल लगा दिया और लिख दिया,

‘इस पुल के पत्थर पहाड़ों से खच्चर लेकर आए थे. पुल से इधर-उधर जाते हुए आप एंटीओक के खच्चरों की पीठ पर सवार होकर जाते हैं। ये खच्चर इस पुल के निर्माता हैं.’

और जब लोगों ने युवक का लिखा पढ़ा तो उनमें से कुछ हंसे औरकुछ हैरान हुए. कुछ ने कहा, ‘हां-हां, हमें पता है, यह किसने किया है. वह थोड़ा-सा पागल है.

परंतु एक खच्चरने हंसते हुए दूसरे कहा, ‘तुम्हें याद है न, हमने वे पत्थर उठाए थे. फिर भी आज तक यह कहा जाता रहा कि पुल राजा एंटिओकस ने बनाया था.’

Image Sources: hindisahityadarpan.

Conclusion:

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