रितेश कुमार सिंहा जी को हिंदी की किताबें पढ़ना बहुत ही अच्छा लगता है और कुछ-कुछ कहानी खुद से भी लिखते हैं जो वो हमारे साथ इस ब्लॉग पर शेयर करते रहते हैं. ये हमारे साथ शुरुआत से जुड़े हुए हैं. और ये हमलोगों के सामने कई तरह से कहानी और अलग प्रकार के टॉपिक पर लिखते हैं. इन्होने कंप्यूटर एप्लीकेशन से ग्रेजुएशन किया हुआ है तो ये टेक्निकल ब्लॉग भी शेयर करते हैं.
नमस्कार दोस्तों! आज मैं फिर से आपके सामने हिंदी कहानी “प्रमाद में पड़े हुए की पहचान” लेकर आया हूँ. यह यह कहानी भगवान बुद्ध और भिक्षु संग्राम के बीच एक सवांद से प्रेरित है. इस कहानी में बुद्ध संदेश देते हैं कि कैसे मनुष्य एक कष्ट से मुक्त होकर वह दुसरे कष्ट की ओर जाता है.
नमस्कार दोस्तों! आज मैं फिर से आपके सामने हिंदी कहानी “पिता की सीख” लेकर आया हूँ. यह कहानी भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ ए० पी० जे० अब्दुल कलाम के जीवन से सम्बंधित हैं.
नमस्कार दोस्तों! आज मैं फिर से आपके सामने हिंदी कविता (Hindi Poem) “ एक सुनहली किरण उसे भी दे दो ” लेकर आया हूँ और इस कविता को कीर्ति चौधरी(Kirti Choudhary) जी ने लिखा है.
आपके सामने हिंदी कविता (Hindi Poem) “स्वरों का समर्पण” लेकर आया हूँ और इस कविता को श्रीकांत वर्मा (18 सितम्बर 1931- 25 मई 1986) जी ने लिखा है. आपका जन्म बिलासपुर छत्तीसगढ़ में हुआ.