नमस्कार दोस्तों! आज कि ये रोने की आदत हिंदी कहानी मुल्ला नसरुद्दिन की हैं. वैसे तो मुल्ला नसरुद्दिन के बहुत सी रोचक और मजेदार कहानी आपने पढ़ी होगी. फसल अगर खराब हो तो रोना आ जाता हैं पता हैं पर इस कहानी में आप पढ़ेंगे की अच्छी फसल होने भी हमारे मुल्ला नसरुद्दिन क्यों रोते ही है.
तो हमारे साथ कुछ मिनटों के लिए जुड़े रहिये और एक छोटी सी हिंदी कहानी का मजा लीजिये.
तो शुरू करते हैं आज का पोस्ट जिसका नाम है- रोने की आदत –हिंदी कहानी. अगर आपको कहानियां पढने में अच्छा लगता है तो मेरे ब्लॉग साईट पर आप पढ़ सकते हैं यहाँ आपको कई तरह की कहानियां देखने को मिलेगी. आप लिंक पर क्लिक करके वहाँ तक पहुँच सकते हैं. (यहाँ क्लिक करें)

रोने की आदत- मुल्ला नसरुद्दिन
मुल्ला नसरुद्दिन के सेब के बगीचे थे. पर उनकी आदत रोने की थीं. वह हमेशा दुखी रहता था. मौसम की मार अलग से परेशान कर देती थीं. कभी ज्यादा बारिश हो जाती, कभी सूखा तो कभी बाढ़ आ जाती.
कभी फसल मे कीड़े लग जाते तो कभी फसल सड़ गल जाते. किसी वर्ष फसल ठीक हुई, मगर सभी की फसल अच्छी होने से बाज़ार में दाम गिर जाते तो मुनाफा कम हो जाता.
एक साल चमत्कार घटा- न ज्यादा धूप, न कम धूप. बारिश भी बिल्कुल ठीक हुई. न कीट न पतंग, न कोईं दूसरा रोग. फसल भी बहुत हुई और बाज़ार मे दाम भी अच्छे से मिल गए. सबने खुब पैसा कमाया. पर नसरुद्दिन फिर भी पहले की तरह दुखी ही थे.
एक पड़ोसी ने कहा- ‘भाईजान, अब तो खुश हो जाओ. जिंदगी मे ऐसे सेब कभी नहीं देखें न थे . सभी सेब पैदा करने वाले प्रसन्न हैं, संपन्न हो गये हैं. आप मुँह क्यों लटकाऐ, उदास बैठे रहते हैं और उपर वाले को कोसते रहते हैं ?’
नसरुद्दिन ने कहा- ‘वे लोग ना समझ हैं, जो ख़ुश हो रहे हैं. उन बेबकूफो ने शायद इस बात पर गौर नहीं किया कि इस साल कोई सेब सड़े गले नहीं हैं, इसलिये जानवरों को अच्छे खासे सेब खिलाने पर रहे हैं,. हर साल जानवरों को सड़े फल खिलाकर काम चला लेते थे.
और इस साल फल बहुत महँगे हैं. हमारे बाप दादो ने कभी इतने कीमती फल पशुओं को नहीं खिलाऐ थे. हाय! मैं लूट गया!’
कुल मिलाकर, जिस व्यक्ति को रोने की आदत हैं, वह रोने का बहाना ढूँढ ही लेता हैं. शिकायती लोग, दिल के भी छोटे ही होते हैं. वे अपना फायदा दूसरों के साथ बाँट भी नहीं पाते..
Image Sources: Pixabay
Conclusion:
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रितेश कुमार सिंहा जी को हिंदी की किताबें पढ़ना बहुत ही अच्छा लगता है और कुछ-कुछ कहानी खुद से भी लिखते हैं जो वो हमारे साथ इस ब्लॉग पर शेयर करते रहते हैं. ये हमारे साथ शुरुआत से जुड़े हुए हैं. और ये हमलोगों के सामने कई तरह से कहानी और अलग प्रकार के टॉपिक पर लिखते हैं. इन्होने कंप्यूटर एप्लीकेशन से ग्रेजुएशन किया हुआ है तो ये टेक्निकल ब्लॉग भी शेयर करते हैं.