फ़र्श पर हिंदी कविता – Hindi Poem – निर्मला गर्ग

फ़र्श पर हिंदी कविता: नमस्कार दोस्तों! आज मैं फिर से आपके सामने एक हिंदी कविता (Hindi Poem) और इस कविता को निर्मला गर्ग जी ने लिखा है. आशा करता हूँ कि आपलोगों को यह कविता पसंद आएगी.

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फ़र्श पर हिंदी कविता - Hindi Poem - निर्मला गर्ग

फ़र्श पर हिंदी कविता – Hindi Poem – निर्मला गर्ग

चिड़िया आती है
डाल जाती तिनके फ़र्श पर
हवा आती है
बिखेर जाती धूल फ़र्श पर
सूरज आता है
सजा जाता चिंदियाँ फ़र्श पर
मुन्ना आता है
उलट देता कटोरी फ़र्श पर
मम्मी आती हैं
बीनतीं दाल-चावल फ़र्श पर
पापा आते हैं
उतार देते जूते फ़र्श पर
महरी आती है
समेट लेती है सब कुछ
अपने बिवाई पड़े हाथों में
और इस तरह लिखती है हर रोज़
एक कविता फ़र्श पर।

-निर्मला गर्ग

तो उम्मीद करता हूँ कि आपको हमारा यह हिंदी कविता “फ़र्श पर हिंदी कविता  अच्छा लगा होगा जिसे निर्मला गर्ग जी ने लिखा है. आप इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करें और हमें आप Facebook PageLinkedinInstagram, और Twitter पर follow कर सकते हैं जहाँ से आपको नए पोस्ट के बारे में पता सबसे पहले चलेगा. हमारे साथ बने रहने के लिए आपका धन्यावाद. जय हिन्द.

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