मेरे पथ के बोधि दीप – अजय शोभने (Ajay Shobhane)

नमस्कार दोस्तों! आज मैं फिर से आपके सामने एक हिंदी कविता (Hindi Poem) “मेरे पथ के बोधि दीप” लेकर आया हूँ और इस कविता को अजय शोभने (Ajay Shobhane) जी ने लिखा है. कवि के इस कविता को लिखने का उद्देश्य “प्रकृति का उच्चतम ज्ञान” देना है.

आशा करता हूँ कि आपलोगों को यह कविता पसंद आएगी. अगर आपको और हिंदी कवितायेँ पढने का मन है तो आप यहाँ क्लिक कर सकते हैं (यहाँ क्लिक करें).

मेरे पथ के बोधि दीप - अजय शोभने (Ajay Shobhane) | Hindi Poem | Hindi Kavita

मेरे पथ के बोधि दीप – अजय शोभने (Ajay Shobhane) | Hindi Poem | Hindi Kavita

मेरे पथ के बोधि दीप, तू अंधकार हर, प्रकाश कर.
अखंड और अविरल जल, मेरा पगपग विकास कर. मेरा …   

तेरे प्रकाश में सत्य और अहिंसा के पथ-चलूँ,
खुद दीपक बनकर, औरों को प्रकाशित करूँ.

परोपकारी-जीवन जियूं और सदा होश में रहूँ,
वासना के वशीभूत हो, कभी न अपचारी बनूँ.

मेरे-पथ के बोधि दीप, तू अंधकार हर, प्रकाश कर.
अखंड और अविरल जल, मेरा पगपग विकास कर. मेरा …

प्रकृति के प्रकोप आयें, तो तू मुझे परिपक्व कर,
लाभ-हानि, जन्म-मरण, निंदा-स्तुति में स्थिर रहूं.
काम-क्रोध-लोभ-मोह-अहंकार के बंधन में न बंधूं,
विचलित न होंऊं कभी, निजधम्म पर आरूढ़ रहूं.

मेरे-पथ के बोधि दीप, तू अंधकार हर, प्रकाश कर.
अखंड और अविरल जल, मेरा पगपग विकास कर. मेरा …

ओ! बोधि दीप तेरे समीप, सभी को ज्योति मिले,
धम्म के तेरे प्रताप से, हर पथिक का चेहरा खिले.
तेरे संघ की शरण में, आत्मज्ञान को संबल मिले,
भय-मुक्त हों सभी, सभी का निर्वाण प्रसस्त कर.

मेरे-पथ के बोधि दीप, तू अंधकार हर, प्रकाश कर.
अखंड और अविरल जल, मेरा पगपग विकास कर. मेरा …

Conclusion

तो उम्मीद करता हूँ कि आपको हमारा यह हिंदी कविता मेरे पथ के बोधि दीप अच्छा लगा होगा जिसे अजय शोभने (Ajay Shobhane) जी ने लिखा है. आप इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करें और हमें आप Facebook PageLinkedinInstagram, और Twitter पर follow कर सकते हैं जहाँ से आपको नए पोस्ट के बारे में पता सबसे पहले चलेगा. हमारे साथ बने रहने के लिए आपका धन्यावाद. जय हिन्द.

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Pixabay

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