नमस्कार दोस्तों! आज मैं फिर से आपके सामने हिंदी कविता (Hindi Poem) “स्मृति” लेकर आया हूँ और इस कविता को सुमित्रानंदन पंत (Sumitranandan Pant) जी ने लिखा है.
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स्मृति – सुमित्रानंदन पंत – हिन्दी कविता
आँख में ‘आँसू’ भर अनजान,
अधर पर धर ‘उच्छ्वास’,
समाती है जब उर में प्राण.
तुम्हारी सुधि की सुरभित सांस;
डुबा देता है मुझे सदेह
सूर सागर वह स्नेह!
रूप का राशि-राशि यह रास,
दृगों की यमुना श्याम;
तुम्हारे स्वर का वेणु विलास,
ह्रदय का वृंदा धाम,
देवि, मथुरा था वह आमोद,
दैव ! व्रज, अह, यह विरह विषाद
आह, वे दिन ! -द्वापर की बात!
भूति-! भारत को ज्ञात!
Conclusion
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