नमस्कार दोस्तों! आज मैं फिर से आपके सामने हिंदी कविता (Hindi Poem) “ताजा खबर सुनाई किसी ने” लेकर आया हूँ और इस कविता को हंसराज रहबर (Hansraj Rahbar) जी ने लिखा है.
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ताजा खबर सुनाई किसी ने | हंसराज रहबर | हिन्दी कविता
ताज़ा खबर सुनाई किसी ने
पर्वत पार किया चींटी ने
छीन लिया है दिन का उजाला
आधी रात की आज़ादी ने
घटना जाने कौन घटी है,
आह भरी बस्ती-बस्ती ने
ये तो क्या है ? इससे बड़े भी
भार सहे हैं इस धरती ने
सच्ची बात जो कहने निकले
हमसे न मिलाई आंख किसी ने
हम उनको कैसे समझाएं,
घूंट लहू के लगे जो पीने
ज़ख़्म छिपे हैं कितने कितने
तेरे सीने मेरे सीने
कहना था जो कह ही दिया है,
तेरे जी ने मेरे जी ने
माया मोह में फंस न जाना
बात कही थी एक ॠषी ने
रुके नहीं ये कदम कहीं भी
बढ़ते आए ज़ीने ज़ीने
लोग-बाग जब हंसने लगते,
आ जाते हैं तुम्हें पसीने
तूफ़ानों से डरने वाले
साहिल पे डुबो वे आए सफ़ीने
हंसता है दिन भर दीवाना
पागल शायद किया खुशी ने
‘रहबर’ को बस इतना जानें
उनकी ग़ज़ल सुनाई किसी ने
Conclusion
तो उम्मीद करता हूँ कि आपको हमारा यह हिंदी कविता “ताज़ा खबर सुनाई किसी ने” अच्छा लगा होगा जिसे हंसराज रहबर (Hansraj Rahbar) जी ने लिखा है. आप इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करें और हमें आप Facebook Page, Linkedin, Instagram, और Twitter पर follow कर सकते हैं जहाँ से आपको नए पोस्ट के बारे में पता सबसे पहले चलेगा. हमारे साथ बने रहने के लिए आपका धन्यावाद. जय हिन्द.
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Pixabay: [1]
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