मौनी बोत्ये – हिंदी कहानी: नमस्कार दोस्तों! आज मैं आपके सामने एक फ्रेंच शोर्ट कहानी पेश करने जा रहा हूँ जिसे हिंदी में अनुवाद किया गया है. यह एक बहुत हि मार्मिक कहानी हैं जिसमें श्रम जीवन का सच बताया गया हैं और हमें इससे बहुत कुछ सिखने और समझने को मिल सकता हैं. आपके बहुमूल्य समय को व्यर्थ नहीं जाने देंगे. हम आपकी समय कि कद्र करते हैं जो आपने अपना समय हमें दिया.
तो शुरू करते हैं आज का ये एक छोटी लेकिन दमदार हिंदी कहानी- मौनी बोत्ये. अगर आपको हिंदी कहानियां पढने में अच्छा लगता है तो मेरे ब्लॉग साईट पर आप पढ़ सकते हैं यहाँ आपको कई तरह की कहानियां देखने को मिलेगी. आप लिंक पर क्लिक करके वहाँ तक पहुँच सकते हैं. (यहाँ क्लिक करें)
मौनी बोत्ये – हिंदी कहानी
मौनी बोत्ये बहुत कम बोलने वाला सहनशील इंसान हैं. समय पर उसका विवाह होता है, लेकिन एक समय ऐसा होता है कि उसकी पत्नी एक पुत्र को जन्म दे कर उसका साथ छोड़कर चले जाती हैं. बोत्ये अपने बेटे को माँ की भी प्यार देकर पालता है. लेकिन एक दिन ऐसा आता है जब उसका बीटा बड़ा होता है. बालिग होने पर उसका अपना ही पुत्र उसे उसके ही घर से निकाल देता है. लेकिन बोत्ये कोई विरोध नहीं करता हैं.
घर से निकले जाने के बाद वह कुली का काम करने लगता है. कुली बनकर वह लोगों के सामान ढोता हैं, इसके अलावा भी लोग उसके पूरे पैसे नहीं देते. किसी तरह वह अपने दिनों को काटता रहता है. उसे कभी भी किसी से कोई शिकायत नहीं होती है.
लेकिन एक दिन बग्गी से कुचलकर उसकी मौत हो जाती हैं. इसकी मृत्यु होने के बाद उसकी आत्मा स्वर्ग में अब्राहम के दरबार मे पहुँचती हैं. वहाँ बताया जाता है कि बोत्ये तो पृथ्वी का महान आदमी है, इसे वह सभी चीजें मिलनी चाहियें जो संतों को मिलता हैं.
चकित अब्राहम अपने आसन से उतरकर कर बोत्ये के पास आते है और वे उससे कहते हैं– माँगों क्या मांगते हो, जो तुम चाहोगे, तुम्हें वह सभी चीजें मिलेंगी. हम स्वर्ग के सम्राट हैं, हम तुम्हें वह सब देंगे जो तुम्हे चाहिए होगा.
लेकिन बोत्ये उनसे कुछ नहीं बोलता, वह सहमी हुई दॄष्टि से स्वर्ग के राजा के देवता को देखता हैं. तब अब्राहम उसके कंधे पर हाथ रखते हैं.
“हम सब देंगें माँगों तो सही”.
तब डबडबाई आँखों के साथ बोत्ये कहता हैं- “मुझे बहुत भूख लगी है. मैंने कई दिनों से कुछ नहीं खाया. मुझे रोटी का एक टुकड़ा और थोड़ा से मक्खन दे दिजिये”.
Conclusion
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Image Source: Pixabay
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रितेश कुमार सिंहा जी को हिंदी की किताबें पढ़ना बहुत ही अच्छा लगता है और कुछ-कुछ कहानी खुद से भी लिखते हैं जो वो हमारे साथ इस ब्लॉग पर शेयर करते रहते हैं. ये हमारे साथ शुरुआत से जुड़े हुए हैं. और ये हमलोगों के सामने कई तरह से कहानी और अलग प्रकार के टॉपिक पर लिखते हैं. इन्होने कंप्यूटर एप्लीकेशन से ग्रेजुएशन किया हुआ है तो ये टेक्निकल ब्लॉग भी शेयर करते हैं.